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जाड़े की एक सुबह…

जाड़े की एक सुबह… सूरज से आँख मिचौली करते हुए पंछी…और सूर्य-किरणों से गर्माहट पाती हुई कुछ तितलियाँ… उनमे से एक भोली सी, नन्ही सी तितली… हौले से, चुपके से पास आई… और पुछा:...